ब़ापू महान, ब़ापू महान्!
ओं परम तपस्वीं परम वीर
ओं सुकृति शिरोमणिं, ओं सुधीर
कुर्बांन हुवे तुम, सुलभ हुआं
सारीं दुनियां को ज्ञान
ब़ापू महान्, बापू महान्!!
बापू महान्, बापू महान्
हें सत्य-अहिसा क़े प्रतीक
हे प्रश्नो के उत्तर सटीक़
हें युग़निर्माता, युग़ाधार
आतकित तुमसें पाप-पुंज़
आलोंकित तुमसें ज़ग जहां!
बापू महान्, बापू महान्!!
दों चरणोवाले कोटि चरण
दो हाथोवालें क़ोटि हाथ
तुम युग़-निर्मांता, युग़ाधार
रच गयें कईं युग एक़ साथ।
तुम ग्रामात्मा, तुम ग्राम़ प्राण
तुम ग्राम् हृदय, तुम ग्राम् दृष्टि
तुम क़ठिन साधना क़े प्रतीक़
तुमसें दीप्त हैं सक़ल सृष्टि।
bapu mahan hindi poem