• +91 99920-48455
  • a2zsolutionco@gmail.com
bachpan poem in hindi

bachpan poem in hindi

  • By Admin
  • 3
  • Comments (04)

कुदरत ने जो दिया मुझे ,
है अनमोल खजाना !

कितना सुगम सलोना वो
ये मुश्किल कह पाना !!

 

दमक रहा ऐसे मानो ,
सोने सा बचपना फिक्र !

फिक्र नही कल की
न किसी से सिकवा गिला !!

 

मित्रो की जब टोली निकले ,
क्या खाये ,बिन खाये !

बडे चाव से ऐसे चलते
मानो जन्ग जीत कर आये !!

 

कोमल हाथो से बलखाकर ,
जब करते आतिशवजी !

घुन्घरू बान्धे हुए पैर पर
तब चलती खुशियो की आन्धी !!

 

उन्हे देख मा की ममता का ,
उमड रहा सैलाब !

मन मन्दिर महका रहा
बगिया का खिला गुलाब !!

bachpan poem in hindi
  • Share This:

Related Posts