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aasman ki baho me hindi poem

aasman ki baho me hindi poem

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आसमान की बाहों में,
प्यारा सा वो चाँद,
न जाने मुझे क्यों मेरे,
साथी सा लग रहा है,
खामोश है वो भी,
खामोश हूँ मैं भी,
सहमा है वो भी,
सहमी हूँ मैं भी,
कुछ दाग उसके सीने पर,
कुछ दाग मेरे सीने पर,
जल रहा है वो भी,
जल रही हूँ मैं भी,
कुछ बादल उसे ढंके हुए,
और कुछ मुझे भी,
सारी रात वो जागा है,
और साथ में मैं भी,
मेरे अस्तित्व में शामिल है वो,
सुख में और दुःख में भी,
फिर भी वो आसमां का चाँद है,
और मैं… जमी की हया!

aasman ki baho me hindi poem
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