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apnepan ki bagiya hindi poem

apnepan ki bagiya hindi poem

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अपनेपन की बगिया है
खुशहाली का द्वार,
जीवन भर की पूँजी है
एक सुखी परिवार ।
मां की ममता में बसता है
बच्चों का संसार,
जीवन का रस्ता दिखलाए
बापू की फटकार ।
दादा-दादी की बातों में है
जीवन का सार,
भाई-बहना का रिश्ता है
रिश्तों का आधार ।
घर की लक्ष्मी बनकर
पत्नी देती है घर को आकार,
बहू जहां बन जाए बेटी
होता स्वर्ग वहां साकार ।
नाजुक डोरी रिश्तों की
मांगे बस थोड़ा सा प्यार
अहम छोड़ कर गर झुक
जाए बना रहेगा घर संसार ।
टूटेगा हर सपना अपना
अगर बिखरता है परिवार
साथ अगर हो अपनों का
तो होगा खुशियों का अम्बार ।
आओ करे कामना ऐसी
बिखरे ना कोई परिवार
मिल झुल कर सब साथ
रहे हर दिन हो जाए त्यौहार ।
अपनेपन की बगिया है
खुशहाली का द्वार,
जीवन भर की पूँजी है
एक सुखी परिवार

apnepan ki bagiya hindi poem
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