मैं समेट कर तेरी पसंद का हर सामान लाया हूँ
खुदा से मांग कर तेरे सपनों का जहान लाया हूं
बड़ी ख़्वाहिश थी तुम्हें एक चमकते सितारे की
देख मैं झोले में भर के, पूरा आसमान लाया हूं
मैं क्या जानूं, कौन सा फूल पसंद आए तुमको
एक फूल के बदले, मैं पूरा गुलिस्तान लाया हूं
कि पास रहूं मैं तुम्हारे, यूं तुमसे दूर रह कर भी
मैं तोहफ़े में मोहब्बत का ऐसा निशान लाया हूं
इक रोज होगी पूरी, हमारे भी इश्क़ की कहानी
पर-आज लिख के,बस अधूरी दास्तान लाया हूं।
apna ishq bhi hindi poem