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meri oukat hindi poem

meri oukat hindi poem

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मैं अपनी औकात में खुश हूँ।
जैसी भी है जात में खुश हूँ।
नहीं किसी से कुछ चाहा है,
मैं तो हर हालात में खुश हूँ।
खुशियाँ रूठ गईं तो क्या गम
गैरों की बारात में खुश हूँ।
उन्हें मुबारक उनका सूरज,
मैं तो अपनी रात में खुश हूँ।
जब तक हंसी नहीं आती है।
आंसू की सौगात में खुश हूँ।
दर्द सहन करना क्या आया,
अपनों के आघात से खुश हूँ।
जश्न जीत का खूब मनाओ,
मैं तो अपनी मात में खुश हूँ।
इसका मतलब जो भी निकले
मैं तो बस बरसात में खुश हूँ।
वो दिमाग से बेशक सोचें
मैं तो दिल की बात से खुश हूँ।

meri oukat hindi poem
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apna ishq bhi hindi poem

apna ishq bhi hindi poem

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मैं समेट कर तेरी पसंद का हर सामान लाया हूँ
खुदा से मांग कर तेरे सपनों का जहान लाया हूं

बड़ी ख़्वाहिश थी तुम्हें एक चमकते सितारे की
देख मैं झोले में भर के, पूरा आसमान लाया हूं

मैं क्या जानूं, कौन सा फूल पसंद आए तुमको
एक फूल के बदले, मैं पूरा गुलिस्तान लाया हूं

कि पास रहूं मैं तुम्हारे, यूं तुमसे दूर रह कर भी
मैं तोहफ़े में मोहब्बत का ऐसा निशान लाया हूं

इक रोज होगी पूरी, हमारे भी इश्क़ की कहानी
पर-आज लिख के,बस अधूरी दास्तान लाया हूं।

apna ishq bhi hindi poem
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