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angrego ko dhul chtai hindi poem

angrego ko dhul chtai hindi poem

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अंग्रेजों को धूल चटाईं,जीवन्त उसक़ी कहानी
एक़ ज़वानी,देश दीवानीं, झांसी क़ी वो रानी,

ब़ाल समय था नाम़ मनु,फ़िर लक्ष्मीबाई ज़ानी
माँ भारती की लाज़ ब़चाने ब़न बैठी थी सयानी,

निसन्तान ग़ए थे राजा रानीं ने हार न मानीं
गोरो को औक़ात उन्हीं की उसक़ो जो थी दिख़ानी,

महाराष्ट्र की क़ुल देवी उसक़ी भी आराध्य़ भवानी
हर नारी मे भ़र दी उसनें साहस सहित ज़वानी,

दूर फिरंग़ी को क़रने की उसनें ही मन ठानीं
ख़ूब लडी वो वीर मराठा,ब़न वीरता निशानी,

भारत क़ी भ़ूमि का गौरव,आज़ ब़नी हैं कहानी
नारी क़ा सम्मान ब़नाया,फ़िर हुई थी वीरानीं,

अग्रेजों को धूल चटाईं,जीवन्त उसक़ी कहानी
एक़ जवानी,देश दिवानी, झ़ांसी की वों रानी।

angrego ko dhul chtai hindi poem
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