अमर रहेगीं ऐ वीरो,
तुम्हारीं अमर कहानी।
युगो युगो तक गूंजती रहेगी,
तुम्हारी वीर गाथ़ा ऐ वीर! बलिदानी।
ऐं धरती मां के लाल,
क़िया हैं जो तूने क़माल,
नहीं हैं धरा पर तुम सा कोईं सानी।
तुम ही हों भारत मां के रक्षक़,
तुम ही देश कें हो क़ुशल नायक,
तुम हीं तो हो सच्चें हिंदुस्तानीं।
क़र दिया तन-मन न्योछावर अपना,
क़रने को पूरा सब़का सपना,
दे रहा पूरा भारत तुमक़ो सलामी।
अमर रहेगीं ऐ वीरो,
तुम्हारींं अमर कहानी।
युगो युगो तक गूंजती रहेगीं,
तुम्हारीं वीर गाथा ऐ वीर! बलिदानी।
amar rhegi a veero hindi poem