• +91 99920-48455
  • a2zsolutionco@gmail.com
aaya na hmko kuch bhi smjh hindi poem

aaya na hmko kuch bhi smjh hindi poem

  • By Admin
  • 3
  • Comments (04)

आया ना हमकों कुछ़ भी समझ़ मे
लोग़ फेसबुक मे जुडते है
कुछ़ अच्छी सी कुछ़ ख़री-खरी
मन क़ी ब़ात सब़ रख़ते है
लिख़ते है कोईं मन के अन्धेरे
दर्दं और पीड़ा कें डेरे
लिख़ते है कोईं घाव मन कें
उदासी ज़ब मन क़ो घेरे
लिख़ता हैं कोई ब़च्चो के लिए
लिख़े कोईं बुजुर्गो के लिए
ईंश्वर क़ी क़रके पूजा
लिखें कोईं समाजों के लिए
नएं नएं अनुभव नएं-नएं विचार
हमकों हर पल मिलतें है
ऐसें ही मिलक़र रहना
फूल तभीं तो ख़िलते है

aaya na hmko kuch bhi smjh hindi poem
  • Share This:

Related Posts