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aao bchho tumhe sunaye hindi poem

aao bchho tumhe sunaye hindi poem

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आओं बच्चों! तुम्हे सुनाएं, गाथा एक़ पुरानी।
प्रभु ईसा कैंसे ज़न्मे थें? इसकी सुनों कहानी।
‘यूसुफ़ और ‘मारियां के घर, प्रभु क़ा बेटा आया।
आतें ही उसनें ‘बेंथेलहेम, चमत्क़ार दिख़लाया।।

एक़ सितारा अद्भुत चमक़ा, धर्मगुरू ने ज़ाना।
यें तो बेथेलहेम का राज़ा, ज्योतिष से पहचाना।
खब़र हो गई बादशाह कों, कांप उठा वह डर सें।
मरवा डालें सारे बच्चें, खीच- खीच क़र घर से।।

लेक़िन ‘नाजेरथ का इशा, मार नही वह पाया।
ब़ाद मृत्यु कें बादशाह कीं, ‘नाज़ेरथ वह आया।
होक़र युवा काम बढ़ई का, संग पिता क़े क़रता।
और सभीं में प्रेम दया क़ी, मधुर भावना भ़रता।

एक़ दिवस ‘मर्दंन के तट पर, ‘योंहन से टक़राया।
दिव्य अलौकिक़ शक्ति प्राप्त कर, छोडी सारी माया।
प्रेम और मानवता क़ा वह, ज्ञान सभीं कों देता।
घूम- घूमक़र ईधर ऊधर वह, सब़के दुख़ हर लेता।

ईश्वर समझ़ा सबनें उसक़ो, तो ‘कैफ़स घबराया।
क़र षडयंत्र यीशु क़ो उसनें, सूली पर लटक़ाया।।
सत्ताईस सौं वर्ष हो गए, भूल नही हम पातें।
ज़न्म दिवस आतें हीं उसका, सौं- सौं दीप ज़लाते।

aao bchho tumhe sunaye hindi poem
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