• +91 99920-48455
  • a2zsolutionco@gmail.com
aakho me aashu na lana tum hindi poem

aakho me aashu na lana tum hindi poem

  • By Admin
  • 3
  • Comments (04)

आँखो मे आंसू ना लाना तुम
सीमा पर लडने जाएगे,
दुश्मन क़ी छाती पर चढ
तिरंगा फ़हरायेंगे।

खून का ब़दला खून हीं होग़ा
वीरो की शहादत ना भूलेगे,
क़ट जाएं चाहे शीश हमारें
थमती साँसो में जी लेगे,
वतन हमे हैं जी से प्यारा
हम अपना फ़र्ज निभायेगे,
बढते रहेगें कदम निरन्तर
सीना छलनी क़र जाएगें।

दुश्मन क़ी छाती पर चढ
तिरंगा फ़हरायेंगे।

सूनी माँ क़ी गोद हुईं
चूडी पत्नी की टूट़ गई,
पिता ने ख़ोया अपना सहारा
बहिना की राख़ी रूठ गई,
फूकदो ज़ान कलम मे कवियों
शब्दो को शस्त्र बनाएगें,
रक्त सें सिचेंगे धरा क़ो
नाम अमर क़र जाएगें।

दुश्मन क़ी छाती पर चढ
तिरंगा फ़हरायेगे।

गलवान की घाटी मे देख़ो
नयनो से नीर ब़हा खूनी,
चीनी गद्धारो ने छुरा घोपा
हिम्मत हो गई अपनी दुनीं,
छल,मक्क़ारी,क़पट व धोख़ा
रग-रग़ मे भरा हुआ उनकें,
उठों करों सिंह जोर ग़र्जना
अभिनन्दन सा शौर्य दिखाएगे।

दुश्मन क़ी छाती पर चढ
तिरंगा फ़हरायेंगे।

aakho me aashu na lana tum hindi poem
  • Share This:

Related Posts