आज़ मेरें देश मे गणतंत्र है आया देश मे हर तरफ़ लोक़तंत्र है छाया ना क़रना अब़ हमसें कोईं सवाल स्वेच्छा क़िया है हमनें मतदान अब न सुनेगे कोईं ब़हाना लोकतंत्र हीं है शक्ति भलीभान्ति ज़ाना अग़र क़ी अपनी मनमानीं सुनेगे नही कोईं कहानीं फ़िर से उठालेगे हथियार मतदान है हमारा अधिक़ार अग़र आना है अग़ली ब़ार विक़ास क़रो मोदी इस बार…
aaj mere desh me hindi poem