• +91 99920-48455
  • a2zsolutionco@gmail.com
aadhunik yug ki nari hindi poem

aadhunik yug ki nari hindi poem

  • By Admin
  • 3
  • Comments (04)

सजग, सचेत, सबल, समर्थ, आधुनिक युग की नारी है।
मत मानो अब अबला उसको , सक्षम है बलधारी है।।

बीत गई वो कल की बेला जीती थी वो घुट घुट कर।
कुछ न कहती , सब कुछ सहती पीती आंसू छुप छुप कर।।

आज बनी युग की निर्माता, हर बाधा उस से हारी है।
चारदीवारी का हर बन्धन तोड़ के बाहर आई है।।

घर, समाज और देश में उसने अपनी जगह बनाई है।
ऊंचे ऊंचे पद पर बैठी, सम्मान की वो अधिकारी है।।

मत समझो निर्बल बेबस, लाचार आज की नारी है ।
नर की प्रबल प्रेरणा का आधार आज की नारी है ।।

स्नेह, प्रेम व ममता का भन्डार आज की नारी है ।
हर जंग जीते शान से यह, अभियान अभी भी जारी है।।

aadhunik yug ki nari hindi poem
  • Share This:

Related Posts