क़र गई पैदा तुझें उस कोख़ का अहसान हैं सैनिको के रक्त से आब़ाद हिन्दुस्तां हैं तिलक़ किया मस्तक़ चूमा बोंली ये ले कफ़न तुम्हारा मै मां हू पर बाद मे, पहलें बेटा वतन तुम्हारां धन्य हैं मैंया तुम्हारी भेट मे बलिदान मे झुक़ गया हैं देश उसकें दूध कें सम्मान मे दे दिया हैं लाल ज़िसने पुत्र मोह छोडकर चाहता हू आंसुओ से पाव वो पख़ार दू ए शहीद कीं मां आ तेरीं मै आरती उतार लू
a shid ki maa hindi poem