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अक्ल बड़ी या भैंस

अक्ल बड़ी या भैंस

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अक्ल बड़ी या भैंस

उपायेन हि यच्छक्यं न तच्छक्यं पराक्रमैः

उपाय द्वारा जो काम हो जाता है वह पराक्रम नहीं हो पाता

एक स्थान पर वटवृक्ष की एक बड़ी खोल में एक कौवा-कौवी रहते थे।

उसी खोल के पास एक काला साँप भी रहता था।

वह साँप कौवी के नन्हे-नन्हे बच्चों को उनके पंख निकलने से पहले ही खा जाता था।

दोनों इससे बहुत दुःखी थे।

अन्त में दोनों ने अपनी दुःख-भरी कथा उस वृक्ष के नीचे रहने वाले एक गीदड़ को सुनाई, और उससे यह भी पूछा कि अब क्या किया जाए।

साँप वाले घर में रहना प्राणघातक है।

गीदड़ ने कहा-इसका उपाय चतुराई से ही हो सकता है।

शत्रु पर उपाय द्वारा विजय पाना अधिक आसान है।

एक बार एक बगुला बहुत-सी उत्तम, मध्यम, अधम मछलियों को खाकर प्रलोभनवश एक करकट के हाथों उपाय से ही मारा गया था।

दोनों ने पूछा-कैसे ?

तब गीदड़ ने कहा-सुनो

इस तरह से कह सकते है की शारीरिक ‌‌‌शक्ती की तुलना मे अक्ल श्रेठ होती है । इस तरह से जहां पर शरीरिक शक्ति की तुलना मे अक्ल श्रेठ साबित हो जाती है तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

 

अक्ल बडी या भैंस मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग 

 

  • रामू ने पहलवान को पल भर मे मिट्टी चटा दि क्योकी पहलवान को पहलवानी का पता नही था बल्की उसका शरीर ही बलवान था सच कहा है अक्ल बडी या भैंस ।
  • आज रामू ने खूंखार शेर को पकड कर अक्ल बडी या भैंस वाली कहावत याद दिला दी ।
  • आज तक डाकुओं को पकडने की अच्छे अच्छो की हिम्मत नही हुई परन्तु कुलदिप ‌‌‌दुपला पतला होने के बाद भी डाकुओ को पकड लिया यह तो वही बात हो गई अक्ल बडी या भैंस ।
  • राजू ने कुस्ती मे बलवत जैसे हट्ठे खट्ठे पहलवान को हरा कर ‌‌‌अक्ल बडी या भैंस वाली बात साबित कर दी ।
  • भले ही सेठ के पास पैसे हो पर ज्ञानप्रकाश के पास अक्ल है वह कुछ भी कर सकता है क्योकी अक्ल बडी या भैंस ।
  • ‌‌‌अजगर को देखते ही सभी तितर बितर हो गए पर रामू ने अपनी अक्ल का इस्तेमाल कर कर अजगर को अपने गाव से भगा दिया जिसके कारण से लोगो को समझ मे आ गया की अक्ल बडी या भैंस ।
  • रीता आठवी कक्षा मे होने के बाद भी दसवी काक्षा के विधाथियों को हर बाद हरा देती है क्योकी अक्ल बडी या भैंस ।

‌‌‌अक्ल बडी या भैंस मुहावरे पर कहानी akal badi ya bhains muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी जंगल मे तरह तरह के जानवर रहा करते थे । उन जानवरो मे से शेर सबका राजा था क्योकी शेर ताकतवर होने के कारण से हर कोई उसका मुकाबला नही करना चाहता था । जिसके कारण से जब भी शेर को भुख लगती तो वह जंगल के किसी न किसी जानवर को खाने के ‌‌‌लिए चला जाता था ।

जैसे ही शेर अपनी गुफा से निकलता तो वह एक बहुत भयानक दहाड मारता जिसके कारण से आस पास के पक्षी वहा से उडने लगते थे । शेर की दाहड और पक्षीयो को उडते देख कर जंगल के बाकी जानवरो को पता चल जता की शेर उनका शिकार करने के लिए आ रहा है ।

यह जानकर सभी जानवर अपने अपने स्थानो पर छुपने ‌‌‌लगते थे । जिसके कारण से कुछ जानवर बिल मे चले जाते तो कुछ ‌‌‌पेडो पर चढ जाया करते थे । इस तरह से वे सभी तो बच जाते थे क्योकी शेर विशाल होने के कारण से बिल्ल मे नही जा सकता था ।

और पेढ उच्चा होने के कारण से उस पर भी नही चढता था । अब जो ‌‌‌बचे जानवर जो झाडियो के पिछे रहते थे और जंगल की धरती पर ही रहते थे ‌‌‌उनका शेर शिकार कर लेता था । इसी तरह से एक बार की बात है शेर अपनी गुफा मे आराम कर रहा था । तभी वहा पर एक चुहा आ गया ।

‌‌‌जो मस्ती मस्ती मे शेर के उपर चढ़ने लगा और उसके शरीर पर गुदगुदी करने लगा था । जिसके कारण से कई बार तो शेर ने उसे अपने शरीर से दुर कर दिया । परन्तु जब वह चुहा नही माना तो शेर ‌‌‌उठा और उस चुहे को पकडने लगा । परन्तु चुहा छोटा होने के कारण से शेर की गुफा मे ‌‌‌बिल्ल मे छुप गया ।

जिसके कारण से फिर शेर जाकर सोने लगा । तभी वापस चुहा शेर के पास जाकर उसके पेट पर चढ गया और नाचने लगा । इस तरह से दो तिन बार होने के कारण से शेर को क्रोध आ गया और उसने चुहे को पडना चाहा परन्तु चुहा ‌‌‌बिल्ल मे चला गया था । जिसके कारण से शेर चुहे को नही पकड सका ।

इस कारण से थक हार कर शेर वापस सोने लगा । परन्तु फिर चुहे ने उसे तंग करना शुरू कर दिया था । जिसके कारण से शेर ने फिर जंगल के जानवरो की मदद लेने की शोची । तब शेर चुप चाप बिल्ली के पास गया । बिल्ली ने जैसे ही शेर को देखा तो वह ‌‌‌अपनी जान बचाने के लिए वहा से भागने लगी ।

तब शेर ने उसे आवाज दी और कहा की मैं तुम्हे खाने के लिए नही आया ‌‌‌हूं बल्की तुमसे मदद मागने के लिए आया हुं । यह सुनते ही बिल्ली शेर से काफी दुरी पर रूक गई । तब शेर ने चुहे के बारे मे बिल्ली को बता दिया । अब शेर ने बिल्ली को कहा की अगर तुमने मेरी ‌‌‌मदद नही की तो मै तुम्हे मारकर खा जाउगा ।

यह सुन कर बिल्ली ने मन ही मन सोचा की अगर मैं इसकी मदद करने के लिए इसकी गुफा मे चली गई तो यह वहा से मुझे वापस नही आने देगा बल्की मार कर खा जाएगा । अगर मैंने इसकी मदद नही की तो भी यह मुझे मारकर खा जाएगा । इस तरह से बिल्ली सोचने लगी की आज ‌‌‌मेरी मोत निश्चित है ।

तब बिल्ली ने सोचा की क्यो न चुहे की मदद से इस शेर को ही मार दिया जाए । ‌‌‌क्योकी बिल्ली को पता था की चुहा भले ही छोटा हो परन्तु उसके पास अक्ल है इसके कारण से वह इसे आराम से मार सकता है । इस करण से मदद करने के लिए बिल्ली शेर की घुपा मे चली गई । वहा जाने के बाद मे बिल्ली ने शेर को गुफा से बाहर छोड दिया और स्वयं गुफा मे चली गई ।

गुफा मे जाने के बाद मे उसने चुपके से उस चुहे को पकड ‌‌‌लिया और चुहे से कहा की तुम्हे इस शेर को जान से मारना होगा वरना मैं तुम्हे खा जाउगी । यह सुन कर चुहा सोचने लगा की शेर को मैं कैसे मारू ।

परन्तु उसने बिल्ली से कहा की ठिक है मैं उसे मार दूगा । यह सुन कर बिल्ली ने चुहे को छोड दिया और गुफा से बाहर जाकर शेर से कहा की मैंने चुहे को मार दिया ‌‌‌और उसे खा गई हूं ।

इतना सुन कर शेर बिल्ली को खाने के लिए आगे बढने लगा था । बिल्ली को इस बारे मे पता था इस कारण से उसने तुरन्त अपने आप को बचाने के लिए गुफा मे एक छोटे से छेद मे चली गई । जिसके कारण से शेर बिल्ली का बाहर रहकर इंतजार करने लगा की कब बिल्ली बाहर निकले और कब मैं अपना पेट ‌‌‌भरू ।

तभी उसकी नजर चुहे पर पड गई । तब उसे पता चल गया की बिल्ली ने चुहे को नही मारा है । इस कारण से फिर शेर चुहे को मारने के लिए आगे बढने लगा था । तब चुहा भी अपनी चतुराई दिखा कर पास के कुवे मे जाने लगा और कुवे मे जाकर एक छोटी सी लकडी पर बैंठ गया ।

क्युकी शेर चुहे से परेशान हो गया था । इस ‌‌‌कारण से शेर ने बिना सोचे समझे चुहे को पकडने के लिए कुवे मे छलाग लगा दी । जिससे चुहा तो नही पकडा गया बल्की शेर कुवे मे पड गया था । अब चुहा वापस बाहर आ गया और शेर की गुफा मे जाने लगा ।

तभी उसे बिल्ली मिली और ‌‌‌वह उसका धन्यवाद करने लगी । और कहा की आज के बाद मे मैं कभी भी तुम्हे नही मारूगी। साथ ही ‌‌‌यह बात बाकी जंगल के जानवरो को पता चली तो वे सभी चुहे की इस चतुराई को मानने लगे ‌‌‌साथ ही ‌‌‌जानवरो को पता चल गया की अक्ल बडी ‌‌‌या भैंस का अर्थ क्या है।

यह सुन कर चुहे ने कहा की यह क्या है । तब जंगल के बाकी जानवरो ने कहा की शरीरिक बल से कई गुणा श्रेठ बुद्धि होती है । जिसके कारण से तुमने आज शेर को मार दिया । इस तरह से फिर बाकी जंगल के जानवर बारी बारी चुहे का पेट भरने के लिए रोजाना उस शेर की गुफा मे भोजन छोड कर ‌‌‌जाने लगे थे ।

जिसके कारण से चुहा बहुत ही खुश हो गया और वह अपना पेट भरता और बिल्ल मे जाकर आराम से सोने लगा था । अब चुहे का जीवन बहुत ही अच्छा बन गया था । ‌‌‌क्योकी उसे अब बिल्ली या अन्य जानवर खा जाएगे यह बिल्कुल भी डर नही था ।

इस तरह से आपको पता चल गया होगा की चुहे जैसे छोटे से जानवर ने शेर जैसे ताकतवर जानवर को अपनी अक्ल के कारण कुवे मे गेर दिया । यानि आपको इस मुहावरे का अर्थ पता चल गया होगा ।

‌‌‌अक्ल बडी ‌‌‌या भैंस मुहावरे पर निबंध akal badi ya bhains muhavare par nibandh

‌‌‌साथियो आपने सुना होगा की मानव की अक्ल बहुत बडी होती है क्योकी आज इसके कारण से कई तरह के विशाल कार्य किए जाने लगे है । इसका उदहारण एक कंप्युटर है जिसके ‌‌‌अंदर कई तरह के कार्य होते है ।

इसी तरह से विशाल पहाड को पल भर मे चकना चुर किया जा सकता है क्योकी मानव ने ऐसे प्रदार्थ बना लिए है । इसी कारण से अक्ल का कोई मोल नही होता वह सबसे श्रेठ होती है । तो फिर उसके सामने भैंस जैसा जीव कुछ नही होता भले ही उसका शरीर अक्ल के आकार की तुलना मे अंधिक ‌‌‌क्यो न हो ।

‌‌‌जिस तरह से ‌‌‌चुहा एक छोटा सा जानवर होकर शेर को मार सकता है। तब मनुष्य भी अपनी अक्ल से किसी विशाल को पल भर मे घुटने टिका सकता है । यानि यह कह कसते है की जिसमे शारीरिक बल होता है उसे भी अक्ल से हरा सकते है । यानि अक्ल बडी होती है । इस तरह से आपको इस मुहावरे के बारे मे पता चल गया होगा ।

अक्ल बड़ी या भैंस

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