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शिक्षा के मायने shiksha ke maayane

शिक्षा के मायने shiksha ke maayane

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शिक्षा के मायने shiksha ke maayane

 विद्यार्थी ने समझे सही शिक्षा के मायने <>

महान्‌ गणितज्ञ यूक्‍्लिड के जीवन का एक प्रसंग है।

यूक्लिड गणित के परम ज्ञाता थे।

अपने इस ज्ञान को वे दूसरों को भी सहर्ष देने के लिए तैयार रहते थे।

यूक्लिड के पास जो भी गणित सीखने आता, वे उसे अत्यंत लगन से पढ़ाते और उसकी गणित संबंधी सभी जिज्ञासाओं को शांत करते।

यूक्लिड के गणित ज्ञान और सहदयता से प्रभावित होकर उनके पास दूर-दूर से विद्यार्थी गणित सीखने आते और यूक्लिड उन्हें कभी निराश नहीं करते।

एक दिन यूक्लिड के पास एक लड़का आया और उसने उनसे ज्यामिति पढ़ाने का आग्रह किया।

यूक्लिड ने स्वीकार कर लिया। उसी दिन से यूक्लिड उन्हें ज्यामिति पढ़ाने लगे।

लड्का कुशाग्र बुद्धिवाला था।

उसने यूक्लिड के ज्ञान को तीकब्रता से सीखना आरंभ कर दिया।

एक दिन यूक्लिड उसे प्रमेय पढ़ाने लगे।

छात्र ने कहा- “इस प्रमेय को पढ़ने से मुझे क्या लाभ होगा ?' यह सुनते ही यूक्लिड नाराज हो गए और अपने नौकर से बोले- इसे कुछ पैसे दे दो, क्योंकि यह जो विद्या ले रहा है, वह धन कमाने का उद्देश्य मन में रखकर ले रहा है।

यह सुनकर शिष्य ने अपनी भूल को स्वीकार कर यूक्लिड से क्षमा मांगी।

सार यह है कि शिक्षा आत्मसमृद्धि का मार्ग है। उसे कभी भौतिक लाभ की तुला में नहीं तौलना चाहिए।

शिक्षा को आत्मीयता से ग्रहण करना चाहिए।

यदि आप लाभ-हानि की दृष्टि से नहीं बल्कि मेहनत व लगन से शिक्षा ग्रहण कर आत्मसमृद्ध बनेंगे तो वह शिक्षा स्वयं आपके लिए समृद्धि व यश के मार्ग खोल देगी।

शिक्षा के मायने shiksha ke maayane
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