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Best Top 75 Ruswai Shayari Status, SMS And  | इश्क़ में रुस्वाई शायरी

Best Top 75 Ruswai Shayari Status, SMS And | इश्क़ में रुस्वाई शायरी

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Top 100 Ruswai Shayari Status, SMS and Quotes

Ruswai Hindi Shayari and Status अगर आप भी Ruswai Hindi Shayari खोज रहे है तो आपको ईस website मे बहुत ही अच्छे अच्छे सभी तरह के Ruswai Hindi Shayari मील जायेंगे जैसे आप खोज रहे है रुस्वाई का मतलब है - बदनामी और शायरों ने इस अल्फ़ाज़ का इस्तेमाल कैसे किया है जानें इन शायरी से 

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इस पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा इक तरफा इश्क़ होता है. जिसकी वजह से लोगों के दिल भी टूटते है और रूसवाई भी मिलती है. कई बार इश्क करने वालों का दुश्मन ये जमाना हो जाता है तब भी उन्हें रूसवाई का ही सामना करना पड़ता हैं.

इस आर्टिकल में बेहतरीन रुसवा शायरी, रूसवाई शायरी, Ruswai Shayari, Ruswa Shayari, Ruswai Quotes in Hindi, Ruswai Status, Ruswa Status आदि दिए हुए हैं. इन्हें जरूर पढ़े

 

किसी को मोहब्बत में अगर तुम यूँ रुसवा करोगे,
लोग मोहब्बत करना छोड़ देंगे, फिर क्या करोगे !!

 

इश्क़ की रूसवाई से मैं क्या पाऊँगी,
मुहब्बत की मैं भी गुनहगार हो जाऊँगी !!

 

हमारे इश्क़ में रुसवा हुए तुम,
मगर हम तो तमाशा हो गये है !!

 

क्या मिला तुम को मेरे इश्क़ का चर्चा कर के,
तुम भी रुसवा हुए आख़िर मुझे भी रुसवा कर के !!

 

मैं उस का हूँ वो इस एहसास से इन्कार करता है,
भरी महफ़िल में भी रुसवा मुझे हर बार करता है,
यकीं है सारी दुनिया को, खफ़ा है मुझ से वो लेकिन
मुझे मालूम है फिर भी मुझी से प्यार करता है !!

 

इश्क़ को रुसवा होने दो,
सब रिश्तें टूट गये अब सोने दो !!

 

जब जब हम निकले हौसला करके,
किस्मत ने लौटा दिय रुसवा करके !!

 

बिना मैखाने का रूख किया ही मदहोश हुए है,
रुसवा ना हो चाँद ये सोचकर खामोश हुए है !!

 

कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उसने,
बात तो सच है मगर बात है रूसवाई की !!

 

मुझे रुसवा करेगा वो और मैं कुछ न बोलूँगा,
ये एतबार है उस का जिसे मैं भी न तोडूंगा… !!

 

हर ख्वाहिश को इस कदर मत तोड़ो,
भले रुसवा रहो मुझसे पर साथ न छोड़ो !!

 

मेरे इश्क़ को कुछ यूँ रुसवा कर जा,
बस एक खूबसूरत जख्म अता कर जा !!

 

तेरी चाहत में रुसवा यूँ सरे बाजार हो गये,
हमने ही दिल खोया और हम ही गुनहगार हो गये !!

 

क्या फायदा तेरे इस हुस्न का ऐ हसीना,
जब चाहने वालों को ही तू ने रुसवा कर दिया !!

 

जमाने भर की रूसवाईयां और बेचैन रातें,
इस दिल को चैन मिले जब तू करे मुझसे बातें !!

 

तू मिल जाये तो जमाने से रुसवा होने का डर,
और तू ना मिले तो दिल से रुसवा होने का डर !!

 

तुमको शोहरत हो मुबारक हमदम हमे रुसवा न करो,
तुम भी बिक जाओ एक रोज ऐसा कोई सौदा न करो !!

 

जाते जाते यूँ किसी को फना नहीं किया करते,
रूखसती तो ठीक है मगर रुसवा नहीं किया करते !!

 

राहों ने चलते चलते नजारे नये ऐसे दिखाए,
मंजिल कही रुसवा हुई, सबक कहीं नये सिखाए !!

 

ना कर दिल बेसब्र, ना रुसवा कर मुझे,
जुर्म बता, सजा सुना और किस्सा खत्म कर !!

 

इतना रुसवा किए जिन्दगी ने
कि जख्मों से दुश्मनी न रही,
फ़क़त सिर तो झुका लिया
आदतन सजदे में पर बंदगी न रही !!

 

रुसवा होती मुस्कानों का दौर है,
आहें भरते अरमानों का दौर है,
कानों में बस सन्नाटा है गूँजता
गूँगे बहरे इंसानों का दौर है !!

 

माना बार-बार रुसवा हो मैं नखरे दिखाती हूँ,
मगर सच मान तेरे रूठने की आहट से भी डर जाती हूँ !!

 

यूँ ना रुसवा होकर,
इस दुनिया से हम जायेंगे,
आखिरी पल तक
जिन्दगी के सफर को हसीन बनायेंगे

 

कुछ इस तरह से रुसवा कर दिया उसने मुझे,
कि साँस भी न रुकी और मौत भी आ गई

 

मेरी चाहत का सरेआम तो चर्चा न करो,
कम तो पहले भी नहीं था और तो रुसवा न करो !!

 

जो दिल के हो करीब उसे रुसवा नहीं करते,
यूँ अपनी दोस्ती का तमाशा नहीं करते,
ख़ामोश रहोगे तो घुटन और बढ़ेगी
अपनों से कोई बात छुपाया नहीं करते !!

 

आहें दिल की आरजू है, आँसू ही तमन्ना है,
इश्क़ ही गुनाह मेरे फिर दर्द तो सहना है !!

 

दुनिया में तेरे इश्क़ का चर्चा ना करेंगे,
मर जायेंगे लेकिन तुझे रुसवा ना करेंगे,
गुस्ताख़ निगाहों से अगर तुमको गिला है
हम दूर से भी अब तुम्हे देखा ना करेंगे !!

 

देखे हैं बहुत हम ने हंगामे मोहब्बत के आग़ाज़ भी रुस्वाई अंजाम भी रुस्वाई !!

 

हमारे नाम लिखी जा चुकी थी रुस्वाई

 हमें तो होना था यूँ भी ख़राब चारों तरफ़ !!

 

कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस ने
बात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की !!

 

निकले तेरी महफ़िल से तो साथ न था कोई
शायद मेंरी रुस्वाई कुछ दूर चली होगी !!

 

 

और तो क्या दिया बहारों ने
बस यही चार दिन की रुस्वाई !!

 

अपनी रुस्वाई तिरे नाम का चर्चा देखूँ
इक ज़रा शेर कहूँ और मैं क्या क्या देखूँ !!

 

प्यार करने भी न पाया था कि रुस्वाई मिली
जुर्म से पहले ही मुझ को संग-ए-ख़म्याज़ा लगा !!

 

किसी दिन मेरी रुस्वाई का ये कारन न बन जाए
तुम्हारा शहर से जाना मिरा बीमार हो जाना !!

 

रुस्वा हुए ज़लील हुए दर-ब-दर हुए
हक़ बात लब पे आई तो हम बे-हुनर हुए !!

 

क्या मिला तुम को मेंरे इश्क़ का चर्चा कर के
तुम भी रुस्वा हुए आख़िर मुझे रुस्वा कर के !!

 

गिला करूँ, शिकवा करूँ या रुसवा करूँ,
तुम गैर लग रहे हो बताओ मैं अब क्या करूँ !!

 

आज मैंने खुद से एक वादा किया है,
माफ़ी मागूँगा तुझसे तुझे रुसवा किया है,
हर मोड़ पर रहूँगा मैं तेरे साथ साथ
अनजाने में मैंने तुझको बहुत दर्द दिया है !!

 

काश हमारी भी परवाह किसी ने की होती,
तो ये दुनिया हमसे रुसवा ना होती
अगर आता आप जैसा मुस्कुराना हमें
तो हमसे भी किसी ने मोहब्बत की होती !!

 

उसकी बेवफ़ाई ने हमे रुसवा कर दिया,
जिसके लिए जीता था उसने ही मार दिया !!

 

हम कुछ यूँ तेरी महफ़िल में रुसवा हो गये,
तुम जितनी बार भी मुस्कुराई
हम तुम पर हर बार फ़िदा हो गये !!

 

चुप रहते है कि कोई खता न हो जाए,
हमसे कोई रुसवा न हो जाए,
बड़ी मुश्किल से कोई अपना बना है,
मिलने से पहले ही कोई जुदा न हो जाए !!

 

फिर उसी की याद में दिल बेक़रार हुआ है,
बिछड़ के जिस से हुयी शहर शहर रुसवाई !!

 

रुसवाई का डर है या अंधेरों से मोहब्बत खुदा जाने,
अब मैं चाँद को अपने आँगन में उतरने नही देता !!

 

अपनी रुसवाई तेरे नाम का चर्चा देखूं,
एक जरा शेर कहूँ और मैं क्या क्या देखूं !!

 

दुनिया भर की रुसवाईयाँ और बेचैन रातें,
ऐ दिल... कुछ तो बता ये माजरा क्या है !!

 

तेरी चाहत में रुसवा यूँ सरे बाज़ार हो गये,

हमने ही दिल खोया और हम ही गुनहगार हो गये !!

 

खुलता किसी पे क्या मेरे दिल का मामला,

शायरों के इन्तिखाब ने रुसवा किया मुझे !!

 

जमाने भर की रुसवाईयाँ और बेचैन रातें,

ऐ दिल कुछ तो बता ये माजरा क्या है !!

 

कुछ कमी रह गयी है शायद मेरी रुसवाइयों में,

तुझ से फिर मैं दिल लगाना चाहता हूँ !!

 

ना कर दिल अजारी, ना रुसवा कर मुझे,

जुर्म बता, सज़ा सुना और किस्सा खत्म कर !!

 

अपनी रुसवाई तेरे नाम का चर्चा देखूं,

एक जरा शेर कहूँ और मैं क्या क्या देखूं !!

 

खुलता किसी पे क्या मेरे दिल का मामला,
शायरों के इन्तिखाब ने रुसवा किया मुझे !!

 

ना कर दिल अजारी, ना रुसवा कर मुझे,
जुर्म बता, सज़ा सुना और किस्सा खत्म कर !!

 

फिर उसी की याद में दिल बेक़रार हुआ है,
बिछड़ के जिस से हुयी शहर शहर रुसवाई !!

 

अपनी रुसवाई तेरे नाम का चर्चा देखूं,
एक जरा शेर कहूँ और मैं क्या क्या देखूं !!

 

तेरी साँसों की आहट को भी जब पहचानता हूँ मैं,
मुझे रुसवा करे तू इसकी गुंजाइश कहाँ है अब !!

 

Best Top 75 Ruswai Shayari Status, SMS And | इश्क़ में रुस्वाई शायरी
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